राजसमन्द में पशुधन उत्पादन से आजीविका सुरक्षा पर संवाद, किसान खेती-बाड़ी के साथ पशुपालन व्यवसाय को भी अपनाएं - डॉ. स्नेहलता महेश्वरी

रिपोर्टर--गौतमशर्मा।

  राजसमन्द, 30 अप्रेल/ राजसमन्द कृषि विज्ञान केन्द्र में ‘पशुधन उत्पादन से आजीविका सुरक्षा’ विषय पर एक दिवसीय कृषक वैज्ञानिक संवाद आयोजित हुआ।  

कार्यक्रम में उदयपुर की प्रसार शिक्षा निदेशालय निदेशक डॉ. स्नेहलता महेश्वरी ने सभी किसानों से आह्वान किया कि किसान खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय को भी अपनाएं जिससे किसानों की आजीविका की सुरक्षा हो सके, साथ ही पशुपालन व्यवसाय के विभिन्न तकनीकी पहलुओं को अपनाने पर विशेष जोर दिया। 

इस अवसर पर प्रसार शिक्षा के प्राचार्य डॉ. पी.सी चपलोत ने समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने पर जोर दिया। प्रसार शिक्षा की प्राचार्य डॉ. लतिका व्यास ने संवाद कार्यक्रम के संभागी किसानों को दुग्ध प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन को समय की महती आवश्यकता बताते हुए विस्तृत जानकारी दी।

  राजसमन्द कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड डॉ. आर. एस. पाटोदिया ने बताया की इस कार्यक्रम में जिले के 25 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया एवं खेती के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय को अपनाने पर जोर दिया। कृषि उप निदेशक रामपाल खटीक ने उन्नत कृषि तकनीकियों को अपनाने के बारे मे बताया।

केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. पी.सी. रेगर ने दुधारु पशुओं के टीकाकरण एवं परजीवी नाशन के बारे में किसानों को जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ. मनीराम ने किसानों को जैविक खेती अपनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान मोतीसिंह रावत ने किसानों को अपने द्वारा किये गये नवाचारों से अवगत कराया।

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