गांवो में बनाये शोकता गड्ढे वाले शौचालय। गलवा में दो दिवशीय रेट्रो फीडिंग मेंशन कारीगर आवसीय प्रशिक्षण।
पत्रकार --गौतमशर्मा
कुंवारिया। गलवा पंचायत मुख्यालय पर शुक्रवार को आमेट विकास अधिकारी राकेश पुरोहित के तत्वाधान में दो दिवशीय रेट्रो फीडिंग मेंशन के तहत कारीगर का आवासीय प्रशिक्षण दिया गया ग्रामीणों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब गांव-गांव ग्रामीणों को शौचालय के लिए जागरूक किया जा रहा है
आमेट विकास अधिकारी ने कहा कि गांव के वातावरण की शुद्धता के लिए लोग सोख्ता गड्ढे वाले शौचालय ही निर्मित कराएं। सैप्टिक टैंक वाले शौचालयों की लागत भी अधिक आती है और यह गांव के वातावरण को भी प्रदूषित करते हैं। सैप्टिक टैंक से निकलने वाली दुर्गंध और गंदा पानी गांव की खुली नालियों में जाता है। इससे मानव स्वास्थ को नुकसान पंहुंचाने वाले मच्छर, कीड़े आदि पैदा होते हैं। अधिकांश लाभार्थी मिस्त्री पर दबाव डालकर दो गड्ढों के स्थान पर एक गड्ढा काफी गहरा बनवा लेते हैं। जबकि गड्ढा की गहराई 1.25 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि मल को खाने वाले कीड़े जमीन के अंदर 1.25 मीटर की गहराई में ही पैदा होते हैं। अधिक गहराई होने पर यह कीड़े पैदा नहीं हो पाते। शौचालय निर्माण के लिए सरकार 12 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि देती है। अगर लाभार्थी अपना शौचालय और अच्छा बनाने के लिए अपना रुपया लगाता है, तो वह लगा सकता है। शौचालय में पानी की उपलब्धता हमेशा बनी रहे। इसलिए सरकार के मानक में पानी की टंकी शौचालय की एक दीवार की तरफ बनाने का प्रावधान है। शौचालय में रूरल पैन ही लगाया जाए और उसे पीछे की दीवार से 10 इंच आगे लगाया जाए। शौचालय में दो गड्ढे बनाए जाएं और पेयजल के स्त्रोत से गड्ढे कम से कम 10 मीटर की दूरी पर हों।
इस दौरान एक्शन अम्बेश शर्मा, कनिष्ठ तकनीकी सहायक महेश कुमार मीणा, ग्राम विकास अधिकारी देवीलाल पोसवाल, सरपंच भावना वर्मा, उपसरपंच मांगीलाल पूर्बिया, सहायक सचिव नारायण लाल सालवी, पंचायत सहायक केलाश जाट, रतनलाल जाट, लहरीलाल बेरवा, मांगी लाल कुमावत,
लोबचन्द कुंमावत, केशु लाल कुमावत, सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
फोटो--गलवा में विकास अधिकारी राकेश पुरोहित डेमो के माध्यम से शोकता गड्ढा शौचालय की जानकारी देते हुए
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